Friday, November 27, 2015

रामपुरा दुर्गभान का, देखत भागे भूख | घर- घर नारी पदमिनी , दर – दर चम्पा रुख ||



QRCodeसादर अनुरोध,

                 रामपुरा के लिए कोई  भी  राजनेता , मंत्री, मुख्य मंत्री , विधायक , पार्षद , नगर पंचायत अध्यक्ष एवं कलेक्टर  रामपुरा के नागरिको के लिए  कुछ करना चाहते है तो  केवल इतना करे की रामपुरा में रेल मार्ग बनवा दे । रामपुरा के नागरिक उनके सादर आभारी रहेंगे । रामपुरा के इतिहास में उनका नाम सुनहरे अक्षरो में लिखा जाएगा                     ।             जय रामपुरा

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                                                                                                              ये वे है जो मिट्टी को सोना बनाते है|
इन के हाथो में है रामपुरा की धरोहर||


१.  शा. बा. उ. मा. वि., रामपुरा
२. शा. क. उ. मा.वि., रामपुरा
३. शा. पि. जी. कोलेज, रामपुरा
४ . जमनालाल किमती कन्या कोलेज, रामपुरा
५ . आई. टी. आई., रामपुरा
६. शा. ऩ.१ , रामपुरा
७. शा. न.२ , रामपुरा
८. शा. सस्क्रत. पाठशाला, रामपुरा
९. कन्या शाला, रामपुरा
१०. जवाहर नवोदय विद्यालय ,रामपुरा
११.मो. हा. से. स्कुल, रामपुरा
१२.अल्फा हा. स्कुल ,रामपुरा
१३.सरस्वति शिशु मन्दिर ,रामपुरा
१४. वेदिका हा. स्कुल, रामपुरा
१५. एकता प्रा. स्कुल,रामपुरा
१६. स्वामी विवेकान्नद स्कुल , रामपुरा
१७. एस. एल. पटेल स्कुल, रामपुरा
१८. आर्द्श पोरवाल विध्या मन्दिर , रामपुरा
१९. अन्जुमन प्रा. स्कुल्, रामपुरा
२०. शा. आर्दश स्कुल, रामपुरा
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सर्वे भवन्तु सुखीन ,
सर्वे सन्तु निरामया |
सर्वे भद्राणी पश्यन्ति,
मा कश्चित दुख: भाग भवेत ||

कहाँ है रामपुरा

रामपुरा एशिया महाद्वीप के भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन संम्भाग के नीमच जिले के मनासा तह्सील में बसा एक रमणीय टप्पा है |
जहाँ पर : सरकारी स्कुल , कालेज, आई. टी. आई., जवाहर नवोदय स्कुल, सरस्वती शिशु मन्दिर ,अल्फा ईग्लश स्कुल् ,सरकारी एंव निजी दवाखाना है|
लगभग वे सारी सुविधाएं है जो एक शहर में होती है |


क्या है सस्ता यहाँ पर

१. यहाँ पर मजदुरो की मजदुरी काफी कम है |
२. यहाँ पर वेज काफी सस्ते मिलते है, क्योकि यहाँ कीम भुमि उपजाऊ होने से फसल अच्छी होती है |
३. खरबुजा, चना, सोयाबिन, गेहु, मक्का, तिल ,
रायडा …..etc.
ज्यादा मात्रा में होते है|
४. मत्स्य पालन होने से मछली काफी आसानी से मिल जाती है|
५.शिक्षा के क्षेत्र में भि रामपुरा ने अपने परचम लहराये है यहाँ आई. टी. आई., जवाहर नवोदय विद्यालय है, बॉयज, गर्लस हाई सेकेन्ड्री स्कुल है|

रामपुरा ने (M.P.) को क्या दिया


 रामपुरा ने अपने 200 से ज्यादा गाँव डुब क्षेत्र में डाल कर गाँधी सागर झील का निर्माण किया. जिससे (म.प्र.) सरकार को कम से कम दो लाभ जरुर है….
१. गाँधी सागर बांध बना कर बिजली पैदा करना .
२. मत्स्योद्योग चलाना.

कोन निकालेगा यहाँ पत्थर से सोना

रामपुरा नीमच जिले एक छोटा सा टप्पा होकर म. प्र. मै अपना स्थान बनाये हुए है | रामपुरा ने हमेशा परोपकार की भावना के साथ नई चुनोती को हंसते-हंसते स्वीकारा है | सत्ता के नशे मै चुर लोगो ने हमेशा रामपुरा का शोषण किया है, और हमेशा इसके विकास में बांधा का काम किया हैं | रामपुरा को सत्ता धारी लोगो ने जाँगीर तो समझा पर अपनी जवाबदारी नही |
 
रामपुरा के लिए हमेशा एक कहावत रही हैं, ” कि रामपुरा की एक तरफ पानी (गाँधी सागर) जलाशय है , और दुसरी तरफ उँचे-उँचे पर्वत , जो कि रामपुरा के लोगो की आमदनी मे अभिशाप है | पर मैं कहता हुँ की ये यहाँ के लोगो के लिए वरदान है ‘ ‘ |



  • कैसे. . . . . . . . . . . . . . . . . ?
    यहाँ की पर्वत श्रेणी से हम दो लाभ ले सकते है|
  • 1. यहाँ वायु का दाब अधिक होने से , पवन चक्की द्र्वारा बिजली पैदा की जा सकती है|
    2. यहाँ जंगल समाप्त हो चुके है, एवं गाँधी सागर जालाशय पास होने से पानी की कमी भी नही है, अत: इस पानी को पहाँड पर चडा कर पहाँड की भूमि का उपयोग फलदार वृक्ष की पैदावार मे किया जा सकती है| प्रोजेक्ट के लाभ : –
    1 . रामपुरा एवं आसपास के लोगो को बिजली कि पुर्ति हो पायेंगी |
    2. रामपुरा एवं आसपास के बेरोजगार लोगो को नया रोजगार मिलेगां |
    3. फलदार वृक्ष से सरकार की वार्षिक आय बडेगी |
    4 . कुछ हद तक गरीबी कम होगी |
    5. रामपुरा से लोगो का पलायन कम होगा |
  •  
    रामपुरा  को बनाया जा सकता टूरिस्ट प्लेस :
    1. रामपुरा  के तालाब को बोटिंग के लिए उपयोग किया जा  सकता  है |
    2. रामपुरा  के पहाड़ी पर रिसोर्ट , होटल ,रेस्टोरेंट बनाये जा सकते  है ।
    3. रामपुरा  मोरज़ार को पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता  है  ।
    4. रामपुरा दादा बाड़ी को पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता है ।
    5. रामपुरा दर्शन के नाम  से  बस चलाई जा सकती है  जो
    ” रामपुरा से  केदारनाथ , दुधाखेड़ी माताजी, गांधीसागर बांध , हिंगलाजगढ़ , धर्मराजेश्वर, ताकाजी,   पशुपतिनाथ , सावरिया जी, भादवा माताजी,  नीलकंठ  महादेव , फुलपुरा शनि मंदिर,  रामपुरा पहाड़ी मिनकेशवर महादेव” |
    6. रामपुरा में बाबा मुल्ला साहब की दरगाह काफी प्रसिद्ध है ।

    इन सब से रामपुरा के  लोगो  को रोजगार मिलेगा और जो बिज़नेस मेन पैसा लगाएगा वो कमायेगा |
    जय हिन्द






     

     

     


    रामपुरा Mahashivratri

    Rampura Mahashivratri Fastival

    मृत्युंजय महाकाल की आराधना का मृत्यु शैया पर पड़े व्यक्ति को बचाने में विशेष महत्व है। खासकर तब जब व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार होने वाला हो। इस हेतु एक विशेष जाप से भगवान महाकाल का लक्षार्चन अभिषेक किया जाता है-

    ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः, 

    ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे 

    सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌। 

    उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌ 

    ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ’ 

    इसी तरह सर्वव्याधि निवारण हेतु इस मंत्र का जाप किया जाता है।

    ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम 

    जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः 

    Video Clips hear :- Rampura Mahashivratri Festival 

    मतदाता सुची

    छोटे तालाब से पहाड. तक बनाया जाये रोपवे


    रामपुरा विकास के महत्वपूर्ण कदम

    1. छोटे तालाब का गहरिकरण किया जावे , ताकि पर्यटक इस में बोटिग  का आनंद ले पायेगें |
    2. छोटे तालाब से एक रोप-वे पहाडी तक बनाया जाये , ताकि पर्यटक पहाडी का आनंद भी ले पाये |
    3. पहाडी पर पवन-चक्की लगायी जाये , ताकि रामपुरा एंव आसपास की जन्ता को बिजंलि मिल पाये , जो सरकार के लिये आमदनी का भी काम करेगी |
    4. पहाडी पर फलदार बगींचे लगाये जाये ताकि , पहाडी पर जाने वाले पर्यटक भी बगींचे का आन्नद ले , और साथ ही सरकार की आमदनी भी बडेगी |
    5. पहाडी पर पानी के लिये मोरजार पर एक स्टाप-डेम बाना कर पानी का संचय किया जा सकता है |
     
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    रामपुरा से ताकाजी तक का सफर


    ताकाजी का अद्धभुत रहस्य

    ताकाजी रामपुरा से कुछ ही दुरी पर बसा एक रमणीय एंव दार्शनिक स्थान है | यहाँ पर अदभुत  जडि-बुटि का खजाना है | जरुरत है तो धनवन्तरी जैसे वैधराज की |
    आईये जाने आखिर इस जगह का नाम ताकाजी क्यो है |
    ह्जारो साल पहले एक राजा रह्ता था | उसी के राजपाठ में एक तक्क्षक नाम का एक सर्प रहता था | सर्प का संकल्प था ,कि वो राजा को जान से मार देगा | किन्तु राजा के राजदरबार  में एक  धनवन्तरी नाम के वैधराज रह्ते थे , जो जीव आत्मा की रक्षा करना अपना   धर्म समझते थे |
    नियत तिथि के दीन वैदराज राजा को बचाने के लिए राजमहल  जा रहे थे कि माँर्ग में वेश बदले तक्क्षक राज सर्प  सामने आगये और  वैध राज की परिक्षा लेने लगे | सर्प राज ने एक हरे भरे  पेड.   को अपने विषेले जहर से सुखाँ दिया और वैध राज को पुन: हरा-भरा  करने को कहाँ , वैध राज ने जडि-बुटि के प्रभाव से केवल पेड. को हरा-भरा ही नही कियाँ बल्कि  पेड पर  फल भि लगा दिये | यहँ देख सर्प राज घबरा गये और  सोचा की वैध राज को राजमहल तक जाने से रोकना चहिए |
    नाना प्रकार के प्रलोभन देने के बाद भी   जब वैध-राज अपने धर्म से विचलित नही हुये तो सर्प-राज ने एक सुन्दर लकडी.  का रुप बनाया | पीठ पर  खुजालने के लिये जैसे ही वैध-राज ने लकडी. को पिछे किया , तुरन्त सर्प-राज ने पीठ पर  काँट लिया |   वैध-राज जब अपने जीवन को बचाने में असमर्थ पाया तो अपने शिष्यो से कहाँ कि मुझे काँट कर  खाँ लेना , सब मेरे जैसे  वैध-राज बन जाओगे |
    सभी शिष्य अपने गुरु को एक कडावं में पका रहे थे कि सर्प राज आगये और कहाँ कि आप अपने गुरु को खाँ जाओगे तो आपका धर्म क्या रहेगा  |  जरा सोचो जिस गुरु ने  आपको पाला  बडा किया  उसी को खाने का विचार भी मन मे लाना पाप है|  इतना सुनते ही सभी शिष्यो ने कडाव जमीन पर डोल दिया |
    फल स्वरुप उस जगह को ताकाजी के नाम से जाने जाना लगा | वहाँ आज भी जडि-बुटि का असिम भन्डार है |
    एसा माना जाता है कि दिवाली की अमावश्याँ कि रात को जडि-बुटि खुद अपने उपयोग के बारे में बताती है |ca2wpjbi

    रामपुरा की कुत्ता छतरी


    बहौत समय पहले की बात है, रामपुरा में  एक भील समाज का व्यक्ति नीवास करता था, उसके एक कुत्ता था |दोनो एक दुसरे को बहौत  प्यार करते थे | एक बार भील को कुछ पैसो की जरुरत लगी तो उसने गांव के सेठ से कुछ  समय के लिये उधार लिये , परन्तु समय पर चुका नही पाया | तो भील समाज के व्यक्ति  ने अपना कुत्ता बतोर जमानत सेठ को सोप दिया और कहाँ, कि सेठ जी मेरे पास जब  पैसे आयेगे तो में आपके पैसे चुका दुगा और  अपने कुत्ते को लेजाउगा तब तक के लिये  यह कुत्ता आप के पास गिरवे रहेगाँ | आपके पुरे घर की रखवाली करेगा |
               कुछ समय पश्चात एक रात सेठ के घर चौर आये , चौरो के पास भयानक  हथियार देख कुत्ता कुछ नही बोला, चौर सेठ का सारा धन लेकर चले गये |
    कुत्ता सारा व्रतान्त देखता रहा और चौरो का पिछा करता रहा , अन्त: चौरो ने  जगंल  में सुनसान जगह देख सारा धन छिपा दिया | कुत्ता सार नजारा देख दबे पांव वापस सेठ के घर आगया |
           जब सेठ को पता चला की चौरी होगयी तो सेठ कुत्ते पर बहौत गुस्सा हुवां और कहाँ तेरे  मालीक ने तो कहाँ था , कि तु वफादार है लेकिन तु तो किसी काम का नहि | यह सुन कुत्ता सेठ के कपड़े खिचता हुवा सेठ को जगंल लेगया और सेठ को सारा धन दिखाया | वापस मिला धन पाकर सेठ कि खुशि का कोई ठिकाना नही था |
            सेठ ने कुत्ते से कहाँ जा आज से तेरे मालिक का सारा कर्जा माफ किया तु वापस अपने मालिक के पास जा सकता है आज से तु मेरे बन्धन से मुक्त हुवा   |सेठ ने एक चिट्ठी लिख कर   कुत्ते के गले में लटका दी , और कुत्ते को छौड दिया , कुत्ता खुशि-२ अपने मालिक के पास जाने लगा | 
           उधर कुत्ते का मालिक पैसे की व्यवस्था कर कुत्ते को लेने सेठ के पास आरहा था कि कुत्ता उसके मालिक  को रास्ते में मिल गया | कुत्ता अपने मालिक को देख फुला नही समाया  , लेकिन मालिक कुत्ते को देख आग-बबुला हो गया और कुत्ते से कह्ते हुवे ईतनी क्या जल्दी थी, पैसो की व्यवस्था कर में तुझे लेने में आही रहा था अब सेठ जी के सामने में क्या मुंह लेकर जाउगां तुने मेरा  भरोसा तोड. दीया   और  आव देखा न ताव  कुत्ते पर लाठी असहाय प्रहार किया और कुत्ते ने वहि अपने प्राण त्याग दिये | तत: पश्चात्  कुत्ते के मालिक ने कुत्ते के गले में लटकी चिट्ठी देखि तो उसके पास पश्चाताप के अलावा कुछ नही था |
              यह स्थान आज भी यहाँ कुत्ता छत्रि के नाम से फेमस है | जो भी व्यक्ति सचे मन से यहाँ मनोकामना करता है तो अवश्य पुरी होति है |
    अगर कोई बांझ महिला , बिमार व्यक्ति , स्टुडेंट , बेरोजगार व्यक्ति , परेशानियो से ग्रस्त मनुष्य सच्चे मन से मनोकामना करते है तो जल्दी से जल्दी पुरी होती है  |

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    72 एकड़ के परिसर का किया करोगें


    72 एकड़ के परिसर का कुछ तो करो

    रामपुरा महाविधालय के पास 72 एकड़ का परिसर खाली पड़ा है
    जहाँ हो सकता है. . . . . . . . . . . . . . . . . ?
    नविन कृषि महाविधालय का निर्माण |
    नविन पोलिटेक्निकल का निर्माण |


    रामपुरा नवजीवन नि: शक्तजन अभिभावक कल्याण संघ समिति (खोना ना जाये ,तारे जमीन पर)

    रामपुरा और आसपास के गांव मे मिलाकर कम से कम 2500 एसे बच्चे है जो रहते हमारे साथ है पर उनकि दुनियाँ बिल्कुल अलग है|
    धन्य है वे लोग जो इनके लिये कार्य करते है|
    एसे लोगो के लिये रामपुरा में एक स्कुल बनाया जाये जहाँ सभि बच्चे साथ में शिक्षा ले सके , सरकार की नई नीति का लाभ ले सके
    इस काम को सफल करने में लगातार प्रयत्न कर रहै है निशुल्क जानकारी के लिये सम्पर्क करें

    रोजगार की चाँबी है लोहपथगामिनी

    रेल मार्ग का एक  छोटा सा टुकड़ा नीमच जिले से होता हुवा झालावाड़ , कोटा निकलता है तो इससे पुरे नीमच जिले को लाभ होगा |
    अभी केवल नीमच शहर को लाभ है नीमच जिले को नही | क्योकि जिला तो सभी गांव से मिलकर बना है |
    योजना के लाभ
    १.      आवागमन के सस्ते साधन होगे तो कोई भी उध्योगपति उध्योग डालने मे रुचि लेगा |
    २.     आवागमन मे कम समय लगेंगा |


    पुरे  नीमच जिले की जन्ता को किन से है आशाएँ . . . . . ?

    १ मान्नीय मुख्यमन्त्री श्री शिवराज सिंह चौहान |
    २ श्री राहुल जी गांधी |
    ३. महाराज सा. श्री ज्योतिरादित्य सिंदीया |
    ४ सासंद सुश्री मिनाक्षि नटराजन |
    ५ विधायक श्री विजेन्द्रसिंह मालाहेड़ा |
    ६. पुरे नीमच जिले की जन्ता का जन  सहयोग |

    रामपुरा में खोला जा सकता है सेना-प्रशिक्षण केंन्र्द



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    इस के दो कारण है
    १. एक तो यहाँ घने जंगल है |
    २. दुसरा गांधी सागर जलाशय होने से पानी की कमी भी नही है |
    यहाँ आसानी से जल सेना , थल सेना , वायु सेना का अच्छा प्रशिक्षण दिया जा सकता है
    योजना के लाभ
    यहाँ के लोगो का व्यापार-व्यवसाय बड़ेंगा |
    इस के लिये लगातार प्रयत्न कर रहे है



    रामपुरा बनने जा रहाँ है तहसील


    रामपुरा बनने जा रहाँ है तहसील

    ” देहीक देविक भौतिक तापा राम राज्य काहु नाहि व्यापा

     book

    राम राज्य की भावना रखने वाले जन-जन के प्यारे , जिन का वज्र-हस्त सदैव रामपुरा के साथ रहाँ है | जिन्होने रामपुरा में आगनवांडी को सुचारु रुप से सन्चालीत होने मे अद्वितिय सहयोग किया है 
     
    रामपुरा की जन्ता को आशा ही नही अपितु पुर्ण विश्वास है कि मान्नीय मुख्यमन्त्री जी रामपुरा को तहसील बनायेगें  |          

    रामपुरा को तलाश है एक बिज़नेस मेन


    Green Rampura

    रामपुरा को बनाया जा सकता टूरिस्ट प्लेस :  
    Green Rampura
    1. रामपुरा के तालाब को बोटिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है |
    2. रामपुरा के पहाड़ी पर रिसोर्ट , होटल ,रेस्टोरेंट बनाये जा सकते है ।
    3. रामपुरा मोरज़ार को पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता है ।
    4. रामपुरा दादा बाड़ी को पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता है ।
    5. रामपुरा दर्शन के नाम  से  बस चलाई जा सकती है  जो
    रामपुरा से  केदारनाथ , दुधाखेड़ी माताजी, गांधीसागर बांध , हिंगलाजगढ़ , धर्मराजेश्वर, ताकाजी,   पशुपतिनाथ , सावरिया जी, भादवा माताजी,  नीलकंठ  महादेव , फुलपुरा शनि मंदिर,  रामपुरा पहाड़ी मिनकेशवर महादेव |
    6. रामपुरा में बाबा मुल्ला साहब की दरगाह काफी प्रसिद्ध है ।

    इन सब से रामपुरा के लोगो को रोजगार मिलेगा और जो बिज़नेस मेन पैसा लगाएगा वो कमायेगा |
    जय हिन्द



    रामपुरा के रत्न








    बाबा मुल्ला खान साहेब की ‘ दरगाह’

     

    Asia mahadeep ki Famous dargah

    Rampura (Neemuch, M.P., India)
    BawaMulaKhan Sahab Ki Dargah (बाबा मुल्ला खान साहेब की ‘ दरगाह’)